रविवार, 29 मार्च 2009

दिल जो आ जाए तो क्या करते हैं..?

इस अदा से वो वफ़ा करते हैं,
कोई जाने कि वफ़ा करते हैं?

हमको छोड़ोगे तो पछताओगे,
हँसने वालों से हँसा करते हैं!

ये बताता नहीं कोई मुझको,
दिल जो आ जाए तो क्या करते हैं?

हुस्न का हक़ नहीं रहता बाक़ी,
हर अदा में वो अदा करते हैं!

किस क़दर हैं तेरी आँखे बेबाक,
इन से फ़ित्ने भी हया करते हैं!

इस लिए दिल को लगा रक्खा है,
इस में दिल को लगा रक्खा है!

'दाग़' तू देख तो क्या होता है,
जब्र पर जब्र किया करते हैं!

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